झारखंड की धरती पर बेटियों के भविष्य को संवारने के लिए सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है।
Posted on April 10, 2025 by Priti Kumari
रांची | 10 अप्रैल 2025
झारखंड की धरती पर बेटियों के भविष्य को संवारने के लिए सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसी क्रम में राज्य के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने राजधानी रांची के जेल मोड़ स्थित राजकीय पिछड़ी जाति +2 आवासीय बालिका उच्च विद्यालय का औचक निरीक्षण किया।
इस निरीक्षण ने न सिर्फ स्कूल की व्यवस्था पर फोकस किया, बल्कि छात्राओं के बीच आत्मविश्वास और सपनों की नई रोशनी भी जगाई।
🔍 निरीक्षण नहीं, एक भरोसे का संदेश
मंत्री लिंडा ने विद्यालय की कक्षाओं, पुस्तकालय, भोजन, हॉस्टल और सुरक्षा व्यवस्था का बारीकी से जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने छात्राओं से संवाद कर उन्हें सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि बड़ा सोचने और बड़ा बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“अब लड़कियां सिर्फ शादी कर किसी और के घर नहीं जाएंगी। वे डॉक्टर बनेंगी, इंजीनियर बनेंगी, देश की नेतृत्वकर्ता बनेंगी। और इसके लिए सरकार आपके साथ हर कदम पर खड़ी है।”
🏗️ छात्रावास निर्माण कार्य की समीक्षा
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने परिसर में बन रहे नवीन बालिका छात्रावास भवन का भी जायजा लिया। उन्होंने निर्माण गुणवत्ता पर संतोष जताया लेकिन साथ ही सख्त निर्देश दिए कि यह हॉस्टल समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ तैयार किया जाए, ताकि छात्राओं को सुरक्षित और बेहतर वातावरण मिल सके।
📚 सरकार की योजनाएं: शिक्षा से शक्ति तक
मंत्री लिंडा ने कहा कि झारखंड सरकार छात्राओं के लिए किताबों, यूनिफॉर्म, हॉस्टल, स्कॉलरशिप से लेकर करियर गाइडेंस तक की हर जरूरत को पूरा कर रही है।
उनके मुताबिक, यह केवल सहायता नहीं बल्कि एक दृढ़ संकल्प है — झारखंड की हर बेटी को आत्मनिर्भर बनाना, ताकि वो अपने परिवार और समाज का नाम रोशन कर सके।
👩🎓 महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम
सरकार का मानना है कि शिक्षा ही वह शक्ति है जो समाज के हर वर्ग को ऊपर उठाने में सक्षम है। विशेषकर पिछड़े वर्गों और ग्रामीण बालिकाओं के लिए यह योजना उम्मीद की एक नयी किरण है।
“हमारा लक्ष्य सिर्फ स्कूल खोलना नहीं है, बल्कि ऐसा माहौल बनाना है जहां हर बेटी सपने देखे और उन्हें सच करने की ताकत भी पाए।” – मंत्री लिंडा
निष्कर्ष:
इस औचक निरीक्षण ने साबित कर दिया कि झारखंड सरकार सिर्फ घोषणाएं नहीं कर रही, जमीन पर बदलाव ला रही है। बेटियों की शिक्षा को लेकर जो गंभीरता और संवेदनशीलता दिखाई जा रही है, वह आने वाले समय में राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी।